स्वतंत्र मन
जिन्दगी है एक मिली उसे टुकड़ो में क्यों गुजारिये, कभी धूप में भी जी लीजिये जो छाँव मिले तो भी स्वीकारिये, सुख आया तो बाँट लिया दुख भी किसी तरह काट लिया, कभी हिम्मत न हारिये, जिन्दगी है एक मिली उसे टुकड़ो में क्यों गुजारिये, हसरतें तो कम न होंगी बल्कि बढ़ती जाएगी, जो मिला […]